मेरा छोटा सा संसार, दादा आ जाओ एक बार
दादा आ जाओ गुरु आ जाओ.....
मेरी बीच भँवर में नैय्या है,
दादा तू ही एक खिवैय्या है।
मेरा छोटा सा संसार, दादा आ जाओ एक बार
दादा आ जाओ गुरु आ जाओ.....
मेरी बीच भँवर में नैय्या है,
दादा तू ही एक खिवैय्या है।
मणिधारी बोल - २, तेरे कर्म करेंगे प्यारे
कर्मों को तोड़ मणिधारी बोल …
करता क्यों तेरी मेरी, कुछ ना रहेगा
माया को छोड़ यही पे, जाना पड़ेगा - २
चलौ मन मोरा हो, चलौ मन मोरा
दादा गुरु के शरणा हो, चलौ मन मोरा
बंदौ गुरु के चरणा हो, चलौ मन मोरा
भरम तजि चरणा हो, चलौ मन मोरा
मेरा कस के पकड़ लो हाथ, छुड़ाऊं तो छुड़ाया नहीं जाये।।
जब तक है जीवन मुझसे (दादा) गुरुवर न बदले।
बदलने से पहले गुरुवर, मेरे प्राण निकले।
मेरे सर पर रख दो हाथ, हटाऊँ तो हटाया नहीं जाए ||1||
मेरे दादा की कहानी, कहती महरौली जुबानी।
सर पे ताज है मणि का, दूजे दादा की निशानी।।
विक्रमपुर का नन्हा बालक, दत्त शरण में आया-2
दीक्षा ले अल्पायु में ही, आचारज पद पाया-2
जिन शासन के उजियारे हो, मणिधारी चन्द्र सूरीश्वर,
दर्शन दो आज दयाकर-2
जिनदत्त सूरि के पटधारी, जैनों में एक प्रभाकर,
दर्शन दो आज दयाकर-2।।
कुशल नाम है कितना प्यारा, जन-जन की आँखों का तारा।
शासन का उजियारा, मैं लेता रहूंगा, ये नाम तुम्हारा।
मैं लेता रहूंगा, ये नाम तुम्हारा ||
जैन धर्म की शान वो, ज्योति पूंज महान-2
ऐ मेरे दादा गुरु, दुनियाँ के दाता गुरु,
तुम मेरे भगवान...
अपने गुरु का प्यार ले, भक्ति का उपहार ले,
कर गये कल्याण-2... तुम... ऐ... ||ध्रुव||
आये है आये हैं आज हम आये
दादा गुरु दरबार में हो ऽऽऽ
आये हैं...
सच्ची हैं ये प्रीत मेरी कच्ची नही
दादा का दरबार
कुशल कुशल दातार हैं, भक्तों का आधार हैं
कोई निराश न जाये एैसा, दादा का दरबार हैं ॥1॥
कुशल सूरि गुरुदेव आपकी, कीर्ति नग विख्यात हैं