बुधवार, 11 अक्तूबर 2023
(तर्ज : ऐ मेरे प्यारे वतन )
ऐ मेरे दादा गुरु, दुनियाँ के दाता गुरु,
तुम मेरे भगवान...
अपने गुरु का प्यार ले, भक्ति का उपहार ले,
कर गये कल्याण-२... तुम... ऐ... ||ध्रुव ।।
।। अन्तरा।।
स्वर्ग से हम आपको, वापिस बुला सकते नहीं,
पर कभी भी भक्तगण, गुरु को भुला सकते नहीं,
कितने अच्छे तेरे काम, कितना अच्छा तेरा नाम ||१||
जितनी मुरादें चाहिये, इस नाम से मिल जाती हैं,
मन की मुरझाई कली, इस नाम से खिल जाती है,
दूज के हे चन्द्रमा, अमृत भरे तेरे चरणधाम ||२||
जन्म से तोआपकोमैंने, भक्ति-प्याला पी लिया,
आपके चरणों की छाया में, यह जीवन जी लिया,
तेरी माला जपके चाहे, भक्त तेरा मुक्ति धाम ||३||