सोना रूपाना कलशे, प्रभु ने न्हवरावो हरशे
पावन नदियों ना पाणी, देवो लाव्या छे टाणी
आ धारा तो… पुण्य नी धारा छे…
प्रभुजी तो… म्हारा छे… ।। धृ.।।
सोना रूपाना कलशे, प्रभु ने न्हवरावो हरशे
पावन नदियों ना पाणी, देवो लाव्या छे टाणी
आ धारा तो… पुण्य नी धारा छे…
प्रभुजी तो… म्हारा छे… ।। धृ.।।
थनगनता जनजनना हैय्ये आजे हरखनी हेली रे,
देवोनी दुनिया पण आजे थयी जुओने घेली रे;
भीतर तालावेली रे आवाना प्रभुवर बेली रे,
के भगवनना अंजननी वेला आवी रही अलबेली रे;
भक्तामर-प्रणत-मौलि-मणि-प्रभाणा-
मुद्योतकं दलित-पाप-तमो-वितानम् ।
सम्यक्-प्रणम्य जिन प-पाद-युगं युगादा-
वालम्बनं भव-जले पततां जनानाम् ॥1॥
य: संस्तुत: सकल-वां मय-तत्त्व-बोधा-
दुद्भूत-बुद्धि-पटुभि: सुर-लोक-नाथै: ।
स्तोत्रैर्जगत्-त्रितय-चित्त-हरैरुदारै:,
स्तोष्ये किलाहमपि तं प्रथमं जिनेन्द्रम् ॥2॥
करो ने पार भवसागर, तमारे द्वार आव्यो छु, (2)
तमारे द्वार आव्यो छु। (2)
करो स्वीकार महावीरा, भक्तिनुं फूल लाव्यो छु, (2)
तमारे द्वार आव्यो छु. (4) ।। धृ.।।
मीठी पालडी गामनां मीठां आदिनाथ,
राजाओना राजा शोभे ऋषभजीनो ठाठ...
मीठी पालडी गामनां मीठां आदिनाथ.
तो खरा सुखी श्रीमंत
ज्या मुखी णमो अरिहंत ।। धृ. ।।
जो मंत्र नित्य हा गातो
तो आनंदातच न्हातो
जप करे णमोकाराचा
पाचाही परमेष्ठींचा
तो श्रावक जैन जिवंत | | 1. | |
दादा ना देरासर पर उडे रे ध्वजा ...(२)
उडे रे ध्वजा ...उडे रे ध्वजा , एने जोवानी मजा..
फरके छे ध्वजा , एने जोवानी मजा..
दादा ना...दादा ना देरासर पर उडे रे ध्वजा ...
Nemi Pritam Pyara
Vahala mara Neminath
Nemi Pritam Pyara
Vahala mara Neminath
जहाँ नेमी के चरण पड़े, गिरनार वो धरती है
वो प्रेम मूर्ती राजूल, उस पथ पर चलती है
संसार थी विरती रथ नो,
गिरनार थी मुक्ति पथ नो..(२)
सथवार छे एक मारो,
आधार छे एक बस...
नेम..नेम..नेम...नेम रस..(४)