श्री गुरुदेव दयाल को, मन में ध्यान लगाए,
अष्टसिद्धि नवनिधि मिले, मनवांछित फल पाए ||
श्री गुरु चरण शरण में आयो, देख दरश मन अति सुख पायो,
दत्त नाम दुःख भंजन हारा, बिजली पात्र तले धरनारा ||
Library
अमृत बरसता है, दादा की आँखों से,
दिखेगा भाव से, होजा समर्पित तू,
दादा के भजनो में, चलेगा साथ ये, हो....
पूरा रख विश्वास, पूरा रख विश्वास,
सिद्धाचल ना वासी, विमलाचल ना वासी,
जिनजी प्यारा, आदिनाथ ने वन्दन हमारा
प्रभुजिनु मुखडु मलके,
नैनोमाथी वर्से अमीरस धारा,
ये मेरी अर्ज़ी है...
मैं वो हो जाऊ,
जो तेरी मेरज़ी है...
अब और ना मन भटके...
मांगते ही रहते तुझसे, सांझ सवेरे,
हाथ ये फैले रहते, सामने तेरे,
तुने खुब दिया भगवान, तेरा बहोत बड़ा एहसान,
तेरा बहोत बड़ा एहसान, तुने खुब दिया भगवान.......
सोना रूपाना कलशे, प्रभु ने न्हवरावो हरशे
पावन नदियों ना पाणी, देवो लाव्या छे टाणी
आ धारा तो… पुण्य नी धारा छे…
प्रभुजी तो… म्हारा छे… ।। धृ.।।
थनगनता जनजनना हैय्ये आजे हरखनी हेली रे,
देवोनी दुनिया पण आजे थयी जुओने घेली रे;
भीतर तालावेली रे आवाना प्रभुवर बेली रे,
के भगवनना अंजननी वेला आवी रही अलबेली रे;
भक्तामर-प्रणत-मौलि-मणि-प्रभाणा-
मुद्योतकं दलित-पाप-तमो-वितानम् ।
सम्यक्-प्रणम्य जिन प-पाद-युगं युगादा-
वालम्बनं भव-जले पततां जनानाम् ॥1॥
करो ने पार भवसागर, तमारे द्वार आव्यो छु, (2)
तमारे द्वार आव्यो छु। (2)
करो स्वीकार महावीरा, भक्तिनुं फूल लाव्यो छु, (2)
तमारे द्वार आव्यो छु. (4)
मीठी पालडी गामनां मीठां आदिनाथ,
राजाओना राजा शोभे ऋषभजीनो ठाठ...
मीठी पालडी गामनां मीठां आदिनाथ..
कोई अलगारी योगी ए प्रभुजीने प्रगटाव्या, (2)