श्री गुरुदेव दयाल को, मन में ध्यान लगाए,
अष्टसिद्धि नवनिधि मिले, मनवांछित फल पाए ||
श्री गुरु चरण शरण में आयो, देख दरश मन अति सुख पायो,
दत्त नाम दुःख भंजन हारा, बिजली पात्र तले धरनारा ||
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सिद्धाचल ना वासी, विमलाचल ना वासी,
जिनजी प्यारा, आदिनाथ ने वन्दन हमारा
प्रभुजिनु मुखडु मलके,
नैनोमाथी वर्से अमीरस धारा,
ये मेरी अर्ज़ी है...
मैं वो हो जाऊ,
जो तेरी मेरज़ी है...
अब और ना मन भटके...
मोरा तो मन हर लियो रे प्रभु तोरी मुरतीया
आये नजर नही जग मे– रे कोई ऐसी सुरतीया
मोरा तो मन
तोरे दरश बिन जियरा न माने
अजमेर वाले दादा दादा तेरी जय जयकार
जय जयकार
तुने मुझे प्यारे दादा
मैं आया में प्यारे दादा
हे शंखेश्वर पार्श्व जिनेश्वर, अर्जी सुनो हम लायें।
अर्जी सुनो हम लायें
हे शंखेश्वर
नाव पुरानी हैं, पार लगानी है
स्थाई
कठासु आयो मोती कढासु आयो हिरो
ठा भयो हे म्हारी चंदन बाई रो बीरो
शत्रुंजय सु आयो मोती
है पार्श्व तुम्हारे द्वारे पर एक दर्श भिकारी आया है।
प्रभु दरशन भिक्षा पाने को दो नयन कटोरे लाया है |
नहीं दुनियाँ में कोई मेरा है आफत ने मुझको घेरा है।
एक सहारा तेरा है, जग ने मुझ को ठुकराया |
द्वारकारा नाथ नेमी थाने काई लिख भेजू
कागदियो, हॉरो बोलो 2 कामदियो तो फिर से बोलो 2
कागदियों तो नैनो नैनो, लागे हो भवरसा 2.
लागे हो पीयुजी म्हारा, व्हाला नेमजी
दिवाने है दिवाने को नजर चाहिए
पार्श्वनाथ बाबा तेरी नजर चाहिए 2
दिबाने हैं।
चंदनबाला ने माला जपी नाम की 3
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