वंदन तारा चरणमां तुं,
रागी मटी त्यागी पंथे जाय..
श्रमण बनी… नवकार मंत्रमां समाय…
सघळा संसारने भीतरथी विसरी..
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Tagged 'diksha sanyam stavan'
28 अक्तूबर, 2023
28 अक्तूबर, 2023
चिठ्ठी खोलोने खोलोने चिठ्ठी खोलोने
करजो मंगल काम, देजो पावन नाम
सूरिजी ! मुखथी बोलोने… चिठ्ठी खोलोने…
चिठ्ठी मां शुभ नाम लख्युं छे,
28 अक्तूबर, 2023
एक कोर उभी माता, पालव पसरावीने,
लोच करजो, गुरूराया, धीरे धीरे, संभाळीने
एक कोर…
मारो बाळ सुकोमळ छे, एना केश मनोहर छे,
28 अक्तूबर, 2023
हुं जागतो ने मांगतो, दीक्षा प्रभु मने आपजो,
खोटा पथे दोड्यो घणो, संयम पंथे मने स्थापजो,
करुं प्रभु हुं विनंती, संसार बंधन कापजो,
मांगु प्रभु दीक्षा हवे, मने हाथ जाली चलावजो…