पने जैन धरम की सबसे अनमोल ये घड़ी,
जन्म कल्याणक हैं आया, छाई खुशियां बड़ी..
त्रिशलानंदन राजदुलारा झुले फूलों की लड़ी,
आओ मिलकर हम मनाएं आज मंगल ये घड़ी..
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गावो गीत वधावो गुरू ने
मोतीडे चोक पुरावो…
चार-चार आंगण चतुर शु आव्या (२)
गावो गीत रसाली रे…
आज मारे दीवाली… अजवाळी
सिद्धारथनां राजकुंवरनुं अमे लीधुं आलंबन…
जय जय त्रिशलानंदन…
गुलाबजळथी स्नान करावुं, चंदन लेप लगावुं…
शीतळ शीतळ शाता देवा, कोमळ फूल बिछावुं
जग ना नाथ बन्या ते पहेला
मारा स्वामी नाथ थया
मुझ ने एकलवाई छोडी
तमे मोक्ष मा केम गया…
प्रभु श्री वीर छे,
महाबल धीर छे
करम ने जीतता ये,
खरा महावीर छे
प्रभु श्री वीर छे…
आवो रे आवो महावीर नाम लइये,(२ वार)
वीर नाम लइ भव पार तरी जाइये,(२ वार)
आवो रे आवो…
भाग्यवान आपणे के जैन धर्म पामिया,(२ वार)
झूले महावीरजी खेले महावीरजी
झीणी झीणी घूघरीओ गावे
रुड़ां पारणिये रमे देवदेवीओने गमे
मोंघा महेलोमां बाळपण वीतावे
वीर प्रभुजी पधारो राज, वीर प्रभुजी पधारो,
विनंती मुज अवधरो राज, वीर प्रभु – ए आंकणी…
चंदनबाळा अति सुकुमाळा, बोले ववण रसाळा,
हाथने पगमां जडी दिया ताळा सांभळा दिनदयाळा.
मारा वीरनुं शासन गाजे,
महावीरनुं शासन गाजे
मारा वीरनुं शासन गाजे,
महावीरनुं शासन गाजे…
जय जगदीश्वर अति अलवेसर वीर प्रभु राया
पतित 'उद्धरण भव भय भंजण बोध बीज पाया
जय जय जिन राया, आरती करूं मन भाया,
होय कंचन काया जय जय जिन राया।
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