दादा ना देरासर पर उडे रे ध्वजा ...(२)
उडे रे ध्वजा ...उडे रे ध्वजा , एने जोवानी मजा..
फरके छे ध्वजा , एने जोवानी मजा..
दादा ना...दादा ना देरासर पर उडे रे ध्वजा ...
दादा ना देरासर पर उडे रे ध्वजा ...(२)
उडे रे ध्वजा ...उडे रे ध्वजा , एने जोवानी मजा..
फरके छे ध्वजा , एने जोवानी मजा..
दादा ना...दादा ना देरासर पर उडे रे ध्वजा ...
बरसा पारस सुख बरसा,
आंगन आंगन सुख बरसा (2)
चुन चुन कांटे नफरत के,
प्यार अमन के फूल खिला…
तुम से लागी लगन,
ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा,
मेटो मेटो जी संकट हमारा
निशदिन तुमको जपूँ
पने जैन धरम की सबसे अनमोल ये घड़ी,
जन्म कल्याणक हैं आया, छाई खुशियां बड़ी..
त्रिशलानंदन राजदुलारा झुले फूलों की लड़ी,
आओ मिलकर हम मनाएं आज मंगल ये घड़ी..
प्रभु वीर ने मुक्ति का पथ दिखाया
पथ को हमने ही पंथ बनाया
पथ के ऊपर एक बिंदु लगाया
बिंदु में उलझे, सिंधु भुलाया
हर जनम में दादा तेरा साथ चाहिए
सर पे मेरे नाथ, तरा हाथ चाहिए २
सिलसिला ये टूटना नहीं चाहिए
मुझको तो बस इतनी सी सौगात चाहिए।
दादा तुमसे मिलने का, सत्संग ही बहाना है-२
दुनियाँ वाले क्या जाने, मेरा रिश्ता पुराना हैं २
कलियों में ढूंढा तुम्हें, फूलों में पाया है होऽऽऽ-२
तुलसी के पत्तों में, मेरे दादा का ठिकाना है-२
तेरा दर तो हकीकत में
दुखियों का सहारा है,
दरबार तेरा बाबा
जन्नत का नजारा है
करते हैं दादा, तेरा हर पल शुक्रिया,
खुशियां जो दी हैं, उसका भी शुक्रिया ।
हम तेरा दिया खाएं, तेरा ही गुण गाएं
जीवन दिया जो, उसका भी शुक्रिया ॥
दादा देने वाले हैं, हम लेने वाले हैं
आज खाली हाथ नही जाना, जिसे चाहिये वो हाथ उठाना
रोज रोज माँगने का झंझट ही छोड़ दो-२
जिसको जितना चाहिये वो, आज मुख से बोल दो।