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मेरा खरतरगच्छ श्रृंगार..
मेरा खरतरगच्छ श्रृंगार..

मेरा छोटा सा संसार, दादा आ जाओ एक बार 
दादा आ जाओ गुरु आ जाओ..... 
मेरी बीच भँवर में नैय्या है,
दादा तू ही एक खिवैय्या है।

वादा ना तोड़
वादा ना तोड़

मणिधारी बोल - २, तेरे कर्म करेंगे प्यारे 
कर्मों को तोड़ मणिधारी बोल …
करता क्यों तेरी मेरी, कुछ ना रहेगा
माया को छोड़ यही पे, जाना पड़ेगा - २ 

मेरे दादा की कहानी, कहती महरौली जुबानी
मेरे दादा की कहानी, कहती महरौली जुबानी

मेरे दादा की कहानी, कहती महरौली जुबानी। 
सर पे ताज है मणि का, दूजे दादा की निशानी।। 
विक्रमपुर का नन्हा बालक, दत्त शरण में आया-2
दीक्षा ले अल्पायु में ही, आचारज पद पाया-2

जिस दिन दादा गुरु घर आयेंगे
जिस दिन दादा गुरु घर आयेंगे

जिन शासन के उजियारे हो, मणिधारी चन्द्र सूरीश्वर, 
दर्शन दो आज दयाकर-2 
जिनदत्त सूरि के पटधारी, जैनों में एक प्रभाकर, 
दर्शन दो आज दयाकर-2।।