(तर्ज : पंथी गीत )
चलौ मन मोरा हो, चलौ मन मोरा - २
दादा गुरु के शरणा हो, चलौ मन मोरा-२
बंदौ गुरु के चरणा हो, चलौ मन मोरा-२
भरम तजि चरणा हो, चलौ मन मोरा - २
|| अन्तरा ||
पिता तोर वाच्छिग गुरु, वाहड़देवी माता हो-२
आयु नौ वर्ष मा, साधु जीवन धारा हो-२
दादा गुरु के ...||१||
अम्मावस के दिन गुरु, चंदा ला दिखाये हो-२
काजी के उड़त टोपी, बस मा कराये हो-२
दादा गुरु के ... ||२||
अमृतवाणी गुरु जग मा बरसाये हो २
राही भटके मनवा ला, जैन बनाये हो २ -
दादा गुरु के ... ||३||
जग मा तोरे बिना, पार कौन लगाये हो-२
हाथ जोड़ जैन मंडल, शीष नवाये हो २
दादा गुरु के ...||४||