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नमोकार मंत्र है न्यारा | लता मंगेशकर

नमोकार मंत्र है न्यारा इसने लाखों को तारा..
इस महा मात्र का जाप करो,
भव जल से मिले किनारा...
णमो अरिहंताणं

राजा श्रीपाल

    यह कथा सिद्धचक्रके माहात्म्यके रूपमें प्रसिद्ध है । सिद्धचक्रके आराधनसे श्रीपालराजाका कुष्ठरोग मिट गया और अनुक्रमसे आठ पत्नियाँ, नौ पुत्र, नो हजार हाथीनौ हजार रथनौ लाख जातिवंत घोडे, नौ क्रोड सैनिक, नौ वर्ष तक निष्कंटक राज्य और नौ भवमें सिद्धि (मोक्ष) प्राप्त हुई । प्रायः ऐसे सुखकी इच्छासे लोग नवपदका आराधन करते रहे हैं। किन्तु इससे भी एक महत्त्वपूर्ण बात इस कथामें है जिस पर शायद ही किसीका ध्यान जाता होगा और वह है मयणासुंदरीका ‘आपकर्मीका सिद्धांत'। जीव अपने किये हुए शुभ अशुभ कर्म के अनुसार ही सुख-दुःखको प्राप्त होता है इस सिद्धांत पर मयणासुंदरीकी जो अचल श्रद्धा है वह बहुत ही महत्त्वपूर्ण और उपादेय है । इसी श्रद्धा पर वह सहर्ष कुष्ठी को पतिरूपमें स्वीकार करती है और अन्ततः वह अपनी बापकर्मी बहन सुरसुंदरीकी अपेक्षा अत्यधिक सुख-संपत्तिको प्राप्त होती है। कोई क्रिया वन्ध्या नहीं है और अपने किये कर्म जीव को कहीं भी नहीं छोडते, यह जैनधर्मका एक मूलभूत सिद्धांत है और इस पर यथार्थ विश्वास, प्रतीति हो जाये तो जीव किसी भी परिस्थितिमें जैनधर्मसे चलायमान नहीं होगा, दुःखी नहीं होगा, मिथ्यात्वी देवकी मान्यता नहीं करेगा और अपने दुःखके लिये किसीको दोषित नहीं ठहरायेगा । इस कथानकसे यही बात मुख्यरूपसे सीखनी है।

    प्रस्तुत ग्रंथ गुजराती भावार्थ के साथ कई बार छप चुका है और छप रहा है किन्तु उसका हिंदी अनुवाद पहली बार छप रहा है। हिंदीभाषी जैन समाज के लिये यह एक विनम्र प्रयास है। इस किताब के दोनों अनुवाद (हिंदी एवं गुजराती) जैनकार्ट पर उपलब्ध है। आशा है समाज इसका उचित लाभ उठायेगा ।

 

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श्री बाहुबली चालीसा
श्री बाहुबली चालीसा नमूं सदा नवदेवता, मन मंदिर में धार। बाहुबली भगवान को, करके नमन हजार।।
जैन स्तवन - दादा आदेश्वर दूर थी आव्यो दादा दर्शन दो

 

हे उपकारी कृपा वरसावो
हे उपकारी कृपा वरसावो

हे उपकारी! कृपा वरसावो..सिद्धशीलाए मने तेडावो
राह जोउं…राह जोउं, प्रभु आवशे ने लइ जाशे... (२)
प्रभु आवशे ने लइ जाशे…प्रभु आवशे ने लइ जाशे
जन्मोनी प्रीति मारी आंखो बोले, आंसुओना सागर छलके

व्हाला आदिनाथ मे तो पकडयो तारो हाथ मने देजो सदा साथ
व्हाला आदिनाथ मे तो पकडयो तारो हाथ मने देजो सदा साथ
व्हाला आदिनाथ में तो पकड्यो तारो हाथ,
मने देजो सदा साथ.. हो.. व्हाला आदिनाथ हो
आव्यो तुम पास.. लइ मुक्तिनी एक आश,
मने करशो ना निराश..
हे पतित पावन विश्व वात्सल पार्श्व शंखेश्वर प्रभु  I प्राचीन स्तवन
हे पतित पावन विश्व वात्सल पार्श्व शंखेश्वर प्रभु I प्राचीन स्तवन

महावीर सा मुझको बन जाना है

जो युद्ध हरे मैदानों में, 
वो इंसान वीर कहा जाए.. 
जो युद्ध हरे अपने मन में, 
वो महावीर सा बन जाए.....

108 प्रभु पार्श्वजी | जैनम  वारिया
108 प्रभु पार्श्वजी | जैनम वारिया

शांतिनाथ को कीजे जाप  | पॉवरफुल मंत्र
शांतिनाथ को कीजे जाप | पॉवरफुल मंत्र

શાંતિનાથનો કીજે જાપ, ક્રોડ ભવોનાં કાપે પાપ
શાંતિનાથજી મ્હોટા દેવ, સુરનર સારે જેહની સેવ...૧
દુઃખ દારિદ્ર જાવે દૂર, સુખ સંપત્તિ હોવે ભરપૂર
ઠગ ફાંસીગર જાવે ભાગ, બળતી હોવે શીતળ આગ...૨