गुरुवार, 12 अक्तूबर 2023
(तर्ज : मेरी लागी गुरु संग प्रीत...)
मेरा कस के पकड़ लो हाथ, छुड़ाऊं तो छुड़ाया नहीं जाये।।
जब तक है जीवन मुझसे (दादा) गुरुवर न बदले।
बदलने से पहले गुरुवर, मेरे प्राण निकले।
मेरे सर पर रख दो हाथ, हटाऊँ तो हटाया नहीं जाए ||१||
समय ना निकालूँ मैं, जो तेरी बंदगी का।
आखिरी दिन हो गुरु, मेरी जिन्दगी का।
मेरे दिल पर लिख तेरा नाम, मिटाऊँ तो मिटाया नहीं जाए ||२||
बंधन की डोर टूटे, जिस दिन हमारी।
हाथों हाथ बंद कर देना, धड़कन हमारी।
मेरा दिल किसी और के साथ, लगाऊँ तो लगाया नहीं जाए ||३||
तमन्ना रहे मिलने की, मिलने के बाद भी।
साथ रहना चाहूँ गुरुवर, मरने के बाद भी।
गुणगान तेरा गुरुराज भुलाऊँ तो भुलाया नहीं जाए ||४||