(तर्ज : मेरी लागी गुरु संग प्रीत...) 

मेरा कस के पकड़ लो हाथ, छुड़ाऊं तो छुड़ाया नहीं जाये।। 
जब तक है जीवन मुझसे (दादा) गुरुवर न बदले। 
बदलने से पहले गुरुवर, मेरे प्राण निकले। 
मेरे सर पर रख दो हाथ, हटाऊँ तो हटाया नहीं जाए ||1|| 

समय ना निकालूँ मैं, जो तेरी बंदगी का। 
आखिरी दिन हो गुरु, मेरी जिन्दगी का। 
मेरे दिल पर लिख तेरा नाम, मिटाऊँ तो मिटाया नहीं जाए ||2|| 

बंधन की डोर टूटे, जिस दिन हमारी। 
हाथों हाथ बंद कर देना, धड़कन हमारी। 
मेरा दिल किसी और के साथ, लगाऊँ तो लगाया नहीं जाए ||3|| 

तमन्ना रहे मिलने की, मिलने के बाद भी।
साथ रहना चाहूँ गुरुवर, मरने के बाद भी। 
गुणगान तेरा गुरुराज भुलाऊँ तो भुलाया नहीं जाए ||4||