कुशल कुशल दातार है, भक्तों का आधार है।
कोई निराश न जाये ऐसा, दादा का दरबार है।
कुशल कुशल दातार है, भक्तों का आधार है।
कोई निराश न जाये ऐसा, दादा का दरबार है।
गुरु भक्ति में शक्ति बड़ी, भक्ति करलो घड़ी दो घड़ी,
हो दादा गुरुवर के शरणों में आओ,
मेरा छोटा सा संसार, दादा आ जाओ एक बार
दादा आ जाओ गुरु आ जाओ.....
मालपुरा तेरा सच्चा है धाम, सुनके कुशल गुरु तेरा मैं नाम
दर्शन पाने को आया दर पे तेरे
(तर्ज : जिया बेकरार है)
कुशल कुशल दातार है, भक्तों का आधार है।
कोई निराश न जावे ऐसा, दादा का दरबार है
।। स्थायी।।
कुशलसूरि गुरुदेव आपकी, कीर्ति जग विख्यात है।
इस कलियुग में अद्भुत ज्योति, प्रकट रही साक्षात् है।
खरतरगच्छ श्रृंगार है, महिमा अपरम्पार है।
॥कोई।।
गुरु चरणों की पूजा करने, लाखों पुजारी आते हैं।
केशर चन्दन पुष्प सुगन्धी, नैवेद्यादि चढ़ाते हैं।
पढ़ते पूजा पाठ हैं, वाद्य यंत्रों का ठाठ है
॥कोई।।
जैन अजैन सभी आते हैं, दादा तेरे द्वार पर।
मनोकामना पूरी होती, पेड़े लाते थाल भर।
कुछ ऐसा चमत्कार है, सब करते नमस्कार हैं
॥कोई।।
ज्ञान मण्डली चरण शरण में, विनती लेकर आई है,
'भक्तोंने गुरु चरणों में, अपनी अरदास सुनाई है।
पूजा की बहार है, जयन्ती जय-जय-कार है।
॥कोई।।
मणिधारी बोल - २, तेरे कर्म करेंगे प्यारे ssss
कर्मों को तोड़ मणिधारी बोल …
गुरू भक्ति का रंग निराला, भक्ति रंग कमाल
एक घड़ी रंग जाय, जो भी, तारे दीन दयाल ... टेर।।
मेरे दादा की कहानी, कहती महरौली जुबानी।
सर पे ताज है मणि का, दूजे दादा की निशानी।।