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सर पे काल तेरे झुमे

तर्ज- मेरा जुता है जापानी ( श्री ४२० ) 

 

तेरी जाती है जवानी - ये अनमोल जिन्दगानी 

सर पे काल तेरे झूमे- फिर भी करे क्यों नादानी 

तेरी जाती है..... 

 

दुनिया की है झूठी रिवाजे झूठे रिस्ते नाते  

मतलब हो तो सब हैं पूछँ-  करते मीठी बाते 

झूठी सारी है कहानी - अपनी मंजिल न पहचानी 

सर पे जाल तेरे.. 

 

मोटर बंगला घोड़ा गाड़ी रह जायेंगे जग में 

बिछुड़ जायेंगे संगी साथी - साथ चले नहीं संग ने 

यह तो रीत हैं पुरानी - चाहे रंक हो या रानी 

सर पे जाल तेरे.. 

 

इस मिट्टी के तन को सजाकरव-यों तू अकडा जाता हैं २

आज खिला वो फूल चमन में - कल वो ही मुरझाता २ 

खतम होगी ये कहानी - तेरा जीवन बहता पानी ये 

सर पे जाल तेरे.. 

 

अब तो अपनी बिगड़ी बनाले- शांती प्रभुगुण गाले २ 

प्रभु ही सच्चा साथी जगत में- 'युवक मंडल संग ध्याले 

नैय्या पार है लगानी - दिल में ज्योंती है जगानी

सर पे जाल तेरे.. 

- Stavan Manjari

महावीर स्वामी - अन्तरयामी

तर्ज - सौ साल पहले (जब प्यार किसी से होता है) 

 

सदियों से तेरा जिनवर दुनिया में नाम था सब की जुबान था। 

महावीर स्वामी-अन्तयामी  

अनुपम त्रिशला मां का सबको पैंगाम  ॥ जग को सन्देश था। 

महावीर स्वामी-अन्तरयामी ॥

 

 श्री चौबीसवां अवतार महावीर बनकर आया था

और सिद्धारथ के घर नया संसार बसाया था। 

माता- पिता ने दिया, वर्धमान नाम था केवल ज्ञान नाम था। 

महावीर स्वामी ॥ 

 

पूर जोश यौवन आया तो तुम त्यागी बन चल निकले 

और कठिन तपस्या से खपायं कर्मों को अपने 

कर्मों से लड़ना वीर का संग्राम था तपस्या का फल था। 

महावीर स्वामी ॥ 

 

जिन धर्म की राहों में जीवन की ज्योत जला डाली

और युवक मण्डल को, पीला दी अमृत की वाणी 

पल भर न तू प्रभु, करता विराम था । जरा ना आराम था

महावीर स्वामी ॥

- Stavan Manjari

तु है तो एक सहारा है 

तर्ज - कर दे नैय्या पार 

ऐक तेरा साथ हमको दो जहाँ से प्यार है। 

 

कर दे नैय्या पार तेरा नाम तारण हारा है। 

तु है तो एक सहारा है 

पार लगा दे नाथ, पार लगा दे माथ मेरी नैय्या मझधारा हैं। 

तु हैं तो एक सहारा हैं…  

 

संसार सागर है, गहरी ये नदियां हैं, किनारा न मिलता है। 

कोई न साथी है भव  पार लगना है खिवय्या ढूंढता है 

अब सुनलो नाथ एक दुखीया ने पुकारा है।  

तु हैं तो एक सहारा है... 

 

मोह माया में इस झूठे वैभव में ये जीवन बिताना है 

मुक्ति मिले कैसे इस झूठे बन्धन से यों तुमसे पूछता है 

बतला दो प्रभु आज 2 तु जग का पालन हारा है 

तु है तो एक सहारा है... 

 

मेरा प्रभू तुमसे कही साथ न छूटे  यह भ्रमण मिट जाये 

अनोखी वाणी में, संसार सागर से किनारा मिल जाये 

भक्तों का तु ने बंडा पार जो उतारा है 

तु हैं तो एक सहारा हैं...

- Stavan Manjari

भांदकजी रा मेला

भांदकजी रा मेला उपर, सारा बेला आइजो हो 

आनों तो भक्तोरी टोली सावे लाईजा हो।     बेला... ॥१॥ 

 

पार्श्वनाथरी मुरत, मनि प्यारी लागे हो 

सेवा पुजा भक्ती  करता, आनन्द भवि हो।    बेला...॥2॥ 



रंग बिरंगा मेला उपर देव देवता आवे हो 

भक्तोरो भक्ति में सुन सुन आनन्द पाये हो।   बेला...॥3॥ 

 

देश विदेश-रा  यात्री आवे, दर्शन बिरलो पावे हो 

पार्श्वनाथ-रा  दर्शन करके प्यास बुझाये हो।    बेला... ॥4॥

 

विना बाझे ,तबला बाजे, पेटी बाजे बाजे हो 

झांझर बाजे ढोलक बाजे सब कुछ बाजे हो।  बेला... ॥5॥

- Stavan Manjari

तेरे शरणं आया हूँ

तर्ज - तेरे दर पे आया है। 

 

तेरे शरणे आया हूँ, कुछ ले के जाऊँगा, 

घागर भर के जाऊँगा, नैय्या पार लगाऊँगा ।।टेर।।

 

तू सबकी जाने हैं, अंतर पहचाने हैं, 

कर्मा, तुफानों की, माया को जाने हैं। 

पापों से मारा हूँ, तेरा दिवाना हूँ,  

तेरी करुणा की दृष्टि से, तिरणे  को आया हूँ। 

॥ तेरे शरणे ॥

 

मुक्ति के तुम तारे, कर्मों के शत्रू हारे, -

जिनराज चरण भक्ति, आये सुर नर सारे । 

शांती सावन आया, वीतराग भक्ति गाया, 

महावीर चरण छैय्या, आतम को लाया हूँ। 

॥ तेरे शरणं ॥

- Stavan Manjari

दिवाने है

तर्ज - दिवाने है दिवाने को 

 

दिवाने है दिवाने को नजर चाहिए 

पार्श्वनाथ बाबा तेरी नजर चाहिए 2 

दिबाने हैं। 

 

चंदनबाला ने माला जपी नाम की ३ 

चंदनबाला दिवानी तेरे नाम की 

दिवाने है ॥1॥

 

तुठ जाये न माला कहीं प्रेम की 2 

जे किंमती ए मोती बिखर जायेंगे 

दिवाने हैं ॥२॥ 

 

येन पुछो की मरकर किधर जायेंगे 2 

जिधर भेज देंगे उधर जायेंगे 

दिवाने हैं ॥3॥

- Stavan Manjari

ये प्यासा है ...

तर्ज - ये दिल दिवाना बिन सजना के 

 

 दिल दिवाना प्रभु भक्ति बिन मानेना 

ये प्यासा है बिन दर्शन मानेना !

 

दिल ये चाहे प्रभु भक्ति में लीन आज हो जाऊ 

सत्य अहिंसा के नियमों पर में चलता ही जाऊ 

बिन सुमिरन के प्यासा दिल ये मानेना

ये प्यासा हैं... ॥१॥ 

 

दिल ये चाहे प्रभु चरणों में नतमस्तक हो जाऊ 

झूठी माया को छोड़ कर प्रभु भजन मैं गाऊ 

लेकिन ये संसार हैं झूठा मानेना 

ये प्यासा हैं...||२||

मुख से प्रभु नाम को लेता जा

तर्ज - बाबुल को दुआएँ लेती जा 

 

मुख से प्रभु नाम को लेता जा 

जा तुझको स्वर्ग का द्वार मिले 

कंटकमय पथ से बच जाये 

मुक्ती का टिकट तैय्यार मिले ॥धृ॥ 

 

मानव चोला पाया तुने कुछ दान करो कुछ पुण्य करो 

दर दर पे रुलाया है तुझको, इस कर्मनली से अब छुटो 

पी लेना सुधा सत्संग वाणी, जब तुझे गुरु दरबार मिले

मुख से... ॥1॥

 

गुरु दर्श से सोये भाग्य जगे, अरे उठ निंद से अब तो जग ओ 

कर जीवन में कुछ त्याग अरे, जमाने में हैं तुझको नाज अरे 

भगवन ढुंढा कणकण में, तुझे घर बैठे दिदार मिला 

मुख से... ॥2॥

 

नीती तेरे सासो की घड़ीया, मोहमाया के झूठे दाग में 

फंस जाते इस पिंजरे में सभी, मेरे मेरे के चाव से 

कहे सीता तुझे वह राह मिले, तेरी राह पर सब संसार मिले

मुख से... ॥3॥

- Stavan Manjari

ऐऊ मांगु छू

तर्ज- अखखंड सौभाग्यवती (गुजराती) 

 

भक्ती करता छुटे म्हारा प्राण प्रभुजी ऐऊ मांगू छू 

रहे जन्म जन्म थारो साथ प्रभुजी ऐऊ मांगू छू !! 

 

यारो मुखड़ो मनोहर ज्योया करू 

रात दिवस रटन बारो करीया करू 

रहे स्वासो स्वास थारो ध्यान प्रभुजी ऐऊ मांगु छू 

भक्ती  ||1|| 

 

म्हारी आशा नीराशा करशो नहीं 

म्हारा अवगुण हयम धरशो नही 

रहे अंत समय थारो ध्यान प्रभुजी ऐऊ मांगू छू 

भक्ती  ||2|| 

 

थारी भक्ती नो रंग मुझने लागी गयो 

भय जन्म जन्म नो भागी गयो 

दिजो दर्शन नो वरदान प्रभुजी ऐऊ मांगू छू 

भक्ती  ||३||

- Stavan Manjari

जीवन में हो ऐसी घडी

तर्ज - जिन्दगी की ना टुटे लडी

 

जीवन में हो ऐसी घड़ी

मन में बस जाये मुरत तेरी 2

ये जीवन है दर्शन का प्यासा

प्यास बुझती हैं कब तक मेरी २

 

ये मानव का जीवन हैं क्या

जिन में भक्ति की शक्ती नहीं 2

वहाँ जीवन ही जीवन नहीं

जिसमे तेरी कहानी नहीं ओ कहानी नही

मिलन की घड़ी है बड़ी मन में बस जाये मुरत तेरी

जीवन…  ॥१॥

 

 

वीरा तेरे बिना लागे ना रे मनवा 

ओ वीरा तेरे बिना लागे ना रे मनवा लागे ना

आज से तुझ से वादा रहा

जीवन ज्योती जगायेंगे हम 2 

जीवन नैय्या तिरायेगे हम रिश्ते नाते सारे तोड़कर 

मोह माया की २ यूं हैं पड़ी 

मन में बस जाये भुरत तेरी ओ ओ ऽऽऽऽ  

जीवन…  ॥2॥ 



लाख प्यारा हो जीवन तो क्या 

तेरी भक्ती से प्यारा नहीं 2 

मन की वीणा की हर तान पर 

गुण गुणाने की सीमा नहीं 

इस बालक को २ सुन लो सभी 

मन में बस जाये मुरत तेरी

जीवन…   ॥३॥