तर्ज - कर दे नैय्या पार 

ऐक तेरा साथ हमको दो जहाँ से प्यार है। 

 

कर दे नैय्या पार तेरा नाम तारण हारा है। 

तु है तो एक सहारा है 

पार लगा दे नाथ, पार लगा दे माथ मेरी नैय्या मझधारा हैं। 

तु हैं तो एक सहारा हैं…  

 

संसार सागर है, गहरी ये नदियां हैं, किनारा न मिलता है। 

कोई न साथी है भव  पार लगना है खिवय्या ढूंढता है 

अब सुनलो नाथ एक दुखीया ने पुकारा है।  

तु हैं तो एक सहारा है... 

 

मोह माया में इस झूठे वैभव में ये जीवन बिताना है 

मुक्ति मिले कैसे इस झूठे बन्धन से यों तुमसे पूछता है 

बतला दो प्रभु आज 2 तु जग का पालन हारा है 

तु है तो एक सहारा है... 

 

मेरा प्रभू तुमसे कही साथ न छूटे  यह भ्रमण मिट जाये 

अनोखी वाणी में, संसार सागर से किनारा मिल जाये 

भक्तों का तु ने बंडा पार जो उतारा है 

तु हैं तो एक सहारा हैं...

- Stavan Manjari