तर्ज - मारवाडी 

 

द्वारकारा नाथ नेमी थाने काई लिख भेजू 

कागदियो, हॉरो बोलो २ कामदियो तो फिर से बोलो 2 

कागदियों तो नैनो नैनो, लागे हो भवरसा 2. 

लागे हो पीयुजी म्हारा, व्हाला नेमजी 

।।ढेर।।

 

अंतरा 

 

महलों में बैठी में तो वाट जोवती 

रथडा ने पाछो मत फेरो हो भंवरसा २ 

व्हाला नेमजी।

 

अन्न नही भावे मोने नींद नहीं आवे 

सुनी सुनी दुनिया सारी लागे हो भंवरसा २ 

व्हाला नेमजी। 

 

पशुओं री पुकार थाने व्हाली घणी लागे 

हु थोने अदवाली लागी हो भंवरसा 2 

व्हाला नेमजी। 

 

हातों में राची म्हारी मेंहदी रंगीली 

चुमड़ी रो रंग फिकों पड़यों हो भंवरसा 2 

व्हाला नेमजी।

- Stavan Manjari