तर्ज- मेरा जुता है जापानी ( श्री ४२० )
तेरी जाती है जवानी - ये अनमोल जिन्दगानी
सर पे काल तेरे झूमे- फिर भी करे क्यों नादानी
तेरी जाती है.....
दुनिया की है झूठी रिवाजे झूठे रिस्ते नाते
मतलब हो तो सब हैं पूछँ- करते मीठी बाते
झूठी सारी है कहानी - अपनी मंजिल न पहचानी
सर पे जाल तेरे..
मोटर बंगला घोड़ा गाड़ी रह जायेंगे जग में
बिछुड़ जायेंगे संगी साथी - साथ चले नहीं संग ने
यह तो रीत हैं पुरानी - चाहे रंक हो या रानी
सर पे जाल तेरे..
इस मिट्टी के तन को सजाकरव-यों तू अकडा जाता हैं २
आज खिला वो फूल चमन में - कल वो ही मुरझाता २
खतम होगी ये कहानी - तेरा जीवन बहता पानी ये
सर पे जाल तेरे..
अब तो अपनी बिगड़ी बनाले- शांती प्रभुगुण गाले २
प्रभु ही सच्चा साथी जगत में- 'युवक मंडल संग ध्याले
नैय्या पार है लगानी - दिल में ज्योंती है जगानी
सर पे जाल तेरे..
- Stavan Manjari