तर्ज - तेरे दर पे आया है। 

 

तेरे शरणे आया हूँ, कुछ ले के जाऊँगा, 

घागर भर के जाऊँगा, नैय्या पार लगाऊँगा ।।टेर।।

 

तू सबकी जाने हैं, अंतर पहचाने हैं, 

कर्मा, तुफानों की, माया को जाने हैं। 

पापों से मारा हूँ, तेरा दिवाना हूँ,  

तेरी करुणा की दृष्टि से, तिरणे  को आया हूँ। 

॥ तेरे शरणे ॥

 

मुक्ति के तुम तारे, कर्मों के शत्रू हारे, -

जिनराज चरण भक्ति, आये सुर नर सारे । 

शांती सावन आया, वीतराग भक्ति गाया, 

महावीर चरण छैय्या, आतम को लाया हूँ। 

॥ तेरे शरणं ॥

- Stavan Manjari