गुरूराज तुम्हारे चरणों में, जीवन को थोड़ा प्यार मिले।
मैं भूल सकूं दुनिया सारी, तेरा प्यार मुझे किरतार मिले।
गुरूराज तुम्हारे चरणों में, जीवन को थोड़ा प्यार मिले।
मैं भूल सकूं दुनिया सारी, तेरा प्यार मुझे किरतार मिले।
गुरू भक्ति का रंग निराला, भक्ति रंग कमाल
एक घड़ी रंग जाय, जो भी, तारे दीन दयाल ... टेर।।
मिल के गाना, दिल से गाना, गुरुवर के गुण गाना।
भक्ति धुन में, झूम-झूम के, भजनों में खो जाना।।
मेरे दादा की कहानी, कहती महरौली जुबानी।
सर पे ताज है मणि का, दूजे दादा की निशानी।।
जिन शासन के उजियारे हो, मणिधारी चन्द्र सूरीश्वर,
दर्शन दो आज दयाकर-२ ।
कुशल नाम है कितना प्यारा, जन-जन की आँखों का तारा।
शासन का उजियारा, मैं लेता रहूंगा, ये नाम तुम्हारा।
जनम जनम का दास हूँ... गुरुदेव तुम्हारा-२
जीवन नैया डोल रही है... दे दो इसे सहारा।।