गुरुवार, 12 अक्तूबर 2023
(तर्ज : बाबुल की दुआएं)
गुरूराज तुम्हारे चरणों में, जीवन को थोड़ा प्यार मिले।
मैं भूल सकूं दुनिया सारी, तेरा प्यार मुझे किरतार मिले।
|| अन्तरा ||
यह जीवन का उपवन मेरा, वीरान हुआ मुरझा करके।
पीड़ा की धूप में जल जल के, दिल सुख गया कुम्हला करके।
वापस ये बगिया महक उठे, तेरी करूणा की बौछार मिले।
दुनिया ने मेरे चेहरे पर, गमगीना का घूंघट डाला।
होठों पर गीत हैं दर्द भरे, आंखों में आंसू की ज्वाला।
बेवा की मांग सी जिंदगानी, इसे कैसे कोई सिंगार मिले।
मैं मांगू तुमसे ओ गुरूवर, जीवन में सदा तेरा साथ रहे।
भवसागर की ये नाव मेरी, इसे पार लगाने हाथ रहे।
जिसका हो तु खेवनहारा, नैया को वो पतवार मिले।।