(तर्ज : इचकदाना...) 

मिल के गाना, दिल से गाना, गुरुवर के गुण गाना। 
भक्ति धुन में, झूम-झूम के, भजनों में खो जाना।।

छोटा सा नाम है, लगता न दाम है। 
कुशल-कुशल बस, जपना सुबह शाम है। ओऽऽऽऽ 
दिल में गाना, रात में गाना, हर पल जपते जाना...।। 

तन के तम्बूरे में, जितने भी तार हैं। 1 
बिन सुमिरन के सब बेकार हैं। ओऽऽऽऽ 
दुःख में गाना, सुख में गाना, हर पल रटते जाना... II 

महिमा अपार मेरे, दादा दिलदार हैं। 
शरण में आने वाले होते भवपार हैं। ओऽऽऽ 
शीष नमाना, ध्यान लगाना, जय जय गुरुवर गाना...।।