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कुशल कुशल दातार है

कुशल कुशल दातार है

तर्ज : जिया बेकरार है... 

कुशल कुशल दातार है, भक्तों का आधार है। 
कोई निराश न जाये ऐसा, दादा का दरबार है ||

कुशलसुरि गुरूदेव आपकी, कीरती जग विख्यात है। 
इस कलयुग में अद्भुत ज्योति, प्रगट रही साक्षात है 
खरतरगच्छ श्रृंगार है, महिमा अपरम्पार है ।।1।। 

जैन अजैन सभी आते हैं, दादा तेरे द्वार पर 
मनोकामना पूरी होती, पेडे लाते थाल भर 
कुछ ऐसा चमत्कार है, सब करते नमस्कार है ॥2॥

 गुरु चरणों में पुजा करने, लाखों पुजारी आते हैं 
केशर चंदन पुष्प सुगन्धी, नेवैद्य आदि चढ़ाते हैं 
पढ़ते पूजा पाठ हैं, वाद्य यंत्रों के ठाठ है ॥3॥ 

है ज्ञानमंडली चरण शरण में, विनती लेकर आई है 
भक्तों ने गुरू चरणों में अपनी अरदास सुनाई है 
पूजा की बहार है, जयंती जय जयकार है ॥4॥

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