तर्ज- कठासु आयो जिसे कठांसु आयो वीरो 

 

 

                  स्थाई 

 

कठासु आयो मोती कढासु आयो हिरो 

ठा भयो हे म्हारी चंदन बाई रो बीरो 

 

                अन्तरा 

 

शत्रुंजय सु आयो मोती 

गिरनार सु आयो हिरो  

श्री कुण्डलपुर ते आयो म्हारे चंदनबाई रो बीरो 

 

किणाने के मोती 

किणाने केवे हिरो 

किणाने के है म्हारी चंदन बाई रो बीरो 

 

मनने केवे मोती 

मिनख जमारो हिरो 

ओ भव भव पार उतारे म्हारी चंदन बाई रो बीरो 

 

कठे शोभे मोती कठे शोभे हीरो 

कठे शोभे ये म्हारी चंदन बाई रो बीरो 

 

शिखरजी शोभे मोती अष्टापद सोहे हिरो 

श्री पावापुरी-माय बिराजें चंदन बाई रो बीरो

- Stavan Manjari