सोमवार, 2 अक्तूबर 2023
तर्ज - मेरे मैना सावन भादों (महबूबा)
स्थाई
हे शंखेश्वर पार्श्व जिनेश्वर, अर्जी सुनो हम लायें।
अर्जी सुनो हम लायें
हे शंखेश्वर
अन्तरा
नाव पुरानी हैं, पार लगानी है
साहिल ही जब छूट गया तो
धीरज कौन बंधायें , कोई नजर नहीं आये
अर्न्तयामी हे परमेश्वर, तेरा सहारा पाये
अर्जी सुनो हम...
कितनों को तारा है, भय से उबारा है,
द्वार पे तेरे आके प्रभुवर
झोली हम फैलायें , क्यों खाली हम जाये
युवक मंडल की हैं अभिलाषा, दर्शन तेरा हम पायें
अर्जी सुनो हम…
- Stavan Manjari