थनगनता जनजनना हैय्ये आजे हरखनी हेली रे,
देवोनी दुनिया पण आजे थयी जुओने घेली रे;
भीतर तालावेली रे आवाना प्रभुवर बेली रे,
के भगवनना अंजननी वेला आवी रही अलबेली रे;
थनगनता जनजनना हैय्ये आजे हरखनी हेली रे,
देवोनी दुनिया पण आजे थयी जुओने घेली रे;
भीतर तालावेली रे आवाना प्रभुवर बेली रे,
के भगवनना अंजननी वेला आवी रही अलबेली रे;
भक्तामर-प्रणत-मौलि-मणि-प्रभाणा-
मुद्योतकं दलित-पाप-तमो-वितानम् ।
सम्यक्-प्रणम्य जिन प-पाद-युगं युगादा-
वालम्बनं भव-जले पततां जनानाम् ॥1॥
य: संस्तुत: सकल-वां मय-तत्त्व-बोधा-
दुद्भूत-बुद्धि-पटुभि: सुर-लोक-नाथै: ।
स्तोत्रैर्जगत्-त्रितय-चित्त-हरैरुदारै:,
स्तोष्ये किलाहमपि तं प्रथमं जिनेन्द्रम् ॥2॥
करो ने पार भवसागर, तमारे द्वार आव्यो छु, (2)
तमारे द्वार आव्यो छु। (2)
करो स्वीकार महावीरा, भक्तिनुं फूल लाव्यो छु, (2)
तमारे द्वार आव्यो छु. (4) ।। धृ.।।
मीठी पालडी गामनां मीठां आदिनाथ,
राजाओना राजा शोभे ऋषभजीनो ठाठ...
मीठी पालडी गामनां मीठां आदिनाथ.
तो खरा सुखी श्रीमंत
ज्या मुखी णमो अरिहंत ।। धृ. ।।
जो मंत्र नित्य हा गातो
तो आनंदातच न्हातो
जप करे णमोकाराचा
पाचाही परमेष्ठींचा
तो श्रावक जैन जिवंत | | 1. | |
दादा ना देरासर पर उडे रे ध्वजा ...(२)
उडे रे ध्वजा ...उडे रे ध्वजा , एने जोवानी मजा..
फरके छे ध्वजा , एने जोवानी मजा..
दादा ना...दादा ना देरासर पर उडे रे ध्वजा ...
संसार थी विरती रथ नो,
गिरनार थी मुक्ति पथ नो..(२)
सथवार छे एक मारो,
आधार छे एक बस...
नेम..नेम..नेम...नेम रस..(४)
तुम से लागी लगन,
ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा,
मेटो मेटो जी संकट हमारा ||
रहें हम महावीर के ही बनकर
ना श्वेतांबर, ना दिगंबर
हम जैन हैं, कहो हम जैन हैं