शुक्रवार, 12 जनवरी 2024

बरसा पारस सुख बरसा,
आंगन आंगन सुख बरसा (2)
चुन चुन कांटे नफरत के,
प्यार अमन के फूल खिला…
बरसा पारस..
द्वेष–भाव को मिटा,
इस सकल संसार से,
तेरा नित सुमिरन करें,
मिल–जुल सारे प्यार से,
मानव से मानव हो ना जुदा…
आंगन आंगन सुख बरसा
बरसा पारस, सुख बरसा
झोलियां सभी की तु,
रहमों–करम से भर भी दे,
पीर–पर्वत हो गयी,
अब तो कृपा कर भी दे,
मांगे तुझसे ये ही दुआ…
आंगन आंगन सुख बरसा
बरसा पारस, सुख बरसा
कोई मन से है दुखी,
कोई तन से है दुखी,
हे प्रभु ऐसा करो,
कुल जहान हो सुखी,
सुखमय जीवन सबका सदा…
बरसा पारस..
नारी सशक्तिकरण भी मांगों ।
हर नारी है महादेवी । पूछो परम पूज्य
तीर्थंकर को क्यों न कोई नारी न हुई न
तीर्थंकर अब तक? ये भेदभाव क्यों?
कैसा ये भेदभाव ?