थनगनता जनजनना हैय्ये आजे हरखनी हेली रे,
देवोनी दुनिया पण आजे थयी जुओने घेली रे;
भीतर तालावेली रे आवाना प्रभुवर बेली रे,
के भगवनना अंजननी वेला आवी रही अलबेली रे;
रंग जाम रे भक्ति रंग जामशे,
प्रभु आवशे रे मारा प्रभु आवशे... (2)
केसर तिलक लगावो, भीतर भावने जगावो;
केसर तिलक लगावो, भीतर भावने जगावो...
भरी भीतरमां भावो.....
आवो नर नार आज, लावो संगीत साज...
मारा जिनराजने वधावो!
आवो नर नार आज, जिनवर भक्ति ने काज...
अनहद नाद आज गावो!
चढ़शे भावधारा, जिनवर भक्तो न्यारा...
परमानंद पामशे रे....
देवलालीमां मारा, देवालयमां प्यारा...
देवाधिदेव आवशे रे....
ओ मारा शिवपुर शिरताज,
मारा राजाधिराज;
मारा जिनवर जिनराज, राज राजाधिराज...
दिव्य देवलालीमां पधारे.....
तोरण द्वार पर चढावो, शेरिओ रंगथी सजावो (2)
रंगे रंगावो आवो.....
आवो नर नार आज, लावो शरणाई साज...
मारा जिनराजने वधावो!
आवो नर नार आज, जिनवर भक्ति ने काज...
अनहद नाद आज गावो! आवो नर नार आज…
Source - Aavo Nar Naar Aaj