तर्ज: तुम अगर साथ देने का वादा करो
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।
कभी गिरते हुए को उठाया नहीं, बाद आंसु बहाने से क्या फायदा॥
मैं मंदिर गया, पूजा आरती की,
पूजा करते हुए, ये ख्याल आ गया,
कभी मां-बाप की सेवा की हि नहीं,
सिर्फ पूजा ही करने से क्या फायदा।
कभी प्यास... ॥१॥
में स्थानक गया, गुरुवाणी सुनी,
गुरुवाणी को सुनकर, ख्याल आ गया,
जैन कुल में हुआ, जैन बन न सका,
सिर्फ जैनी कहलाने से क्या फायदा।
कभी प्यासे... ॥२॥
मैंने दान किया, मैंने तप जप किया,
दान करते हुए ये ख्याल आ गया,
कभी भूखे को भोजन कराया नहीं,
दान लाखों का कर दूं तो क्या फायदा।
कभी प्यासे... ॥३॥
- Stavan Manjari