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कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं 

तर्ज: तुम अगर साथ देने का वादा करो 

 

कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।

कभी गिरते हुए को उठाया नहीं, बाद आंसु बहाने से क्या फायदा॥ 

 

मैं मंदिर गया, पूजा आरती की,

पूजा करते हुए, ये ख्याल आ गया,

कभी मां-बाप की सेवा की हि नहीं, 

सिर्फ पूजा ही करने से क्या फायदा। 

कभी प्यास... ॥१॥ 

 

में स्थानक गया, गुरुवाणी सुनी,

गुरुवाणी को सुनकर, ख्याल आ गया,

जैन कुल में हुआ, जैन बन न सका,

सिर्फ जैनी कहलाने से क्या फायदा।

कभी प्यासे... ॥२॥ 

 

मैंने दान किया, मैंने तप जप किया,

दान करते हुए ये ख्याल आ गया,

कभी भूखे को भोजन कराया नहीं, 

दान लाखों का कर दूं तो क्या फायदा।

कभी प्यासे... ॥३॥

- Stavan Manjari

माला गीत : सुबह और शाम की

सुबह और शाम की प्रभु जी के नाम की। 

फेरो एक माला, हो हो फेरो एक माला ॥ 

 

सकल सार नवकार मंत्र यह परमेष्ठि की माला, 

नरकादि दुर्गति का सचमुच जड़ देती है ताला, 

कर्मों का यह जाला मिटे तत्काला,

फेरो एक माला....॥१॥ 

 

सुदर्शन और सीता ने जब फेरी थी वह माला, 

सूली भी सिंहासन बन गई, शीतल हो गई ज्वाला,

शील जिसने भी पाला, सत्य है उसका रखवाला, 

फेरो एक माला.... ॥२॥ 

 

सुमरन करके सुव्रत ने भी नाग उठाया काला, 

महाभयंकर विषधारी था, वो बनी पुष्प की माला,

धर्म का यह प्याला, पीयो प्यारे लाला,

फेरो एक माला.... ॥३॥ 

 

बाल कुमारी राजदुलारी देखो चंदन बाला, 

दुःख भयंकर पाई फिर भी सिर मुंडा था भूला, 

तपस्या का तेला, सब दुःख टाला, 

फेरो एक माला.... ॥४॥

 

द्रौपदी का चीर बढ़ाया, दुशासन मद गाला, 

मैना सुंदरी श्रीपाल का जीवन बना विशाला, 

सुभद्रा ने तोला चम्पाद्वार खोला, 

फेरो एक माला.... ॥५॥  

 

समय बीतता जाये मित्रो, इसको सफल बनालो, 

सदगुरु के चरणों में आ परमेष्ठी ध्यान लगा लो, 

गुण गावे भोला, 'हरि ऋषि' बोला, फेरो एक माला ॥६॥

सुख शांति की पुरवईया चले

सुख शांति की पुरवईया चले।

घर-घर में मंगल दीप जले॥ 

शुभ भावनायें ये फूले फले।

घर-घर में मंगल दीप जले॥

 

हो प्रभु कृपा सन्मार्ग मिले ऽऽऽ २ 

अहंकार क्रोध सब दूर भगे, 

जीवन में संयम फूल खिले 

घर-घर में मंगल दीप जले.... ॥१॥ 

 

पर दुःख में करुणा धार बहे,2 

अपने दुःख को चुपचाप सहे

सब संकट अपने आप टले 

घर-घर में मंगल दीप जले.... ॥२॥ 

 

 

इस जग में चैन की बंसी बजे,

जीवन सदगुण मणियों से सजे,

बन 'विचक्षण' हम प्रभु राह चले

घर-घर में मंगल दीप जले.... ॥३॥

- Stavan Manjari

उड़जा, उड़जा, उड़जा रे  हँसा

तर्ज: कबूतर जाजा...... 

 

उड़जा, उड़जा, उड़जा रे हँसा, 

खबर तो ला म्हारा महावीर की, २ 

नील गगन का वासी रे हँसा 

खबर तो ला म्हारा महावीर की, २

अजी ओऽऽऽ अजी ओऽऽ अजी ओऽऽऽ

 

चोंच मंडाय दूं, थाने मोती चुगाय दूं

खबरजो लावेम्हारा महावीर की

उड़जा उड़जा....॥१॥

 

नाम बताय दूं थाने गांव बताय दूं,

सूरत बताय दूं, म्हारां महावीर की,

उड़जा उड़जा....॥२॥ 

 

नाम वर्धमान है, गांव क्षत्रिय कुंड है, 

सांवली सूरत म्हारा महावीर की,

उड़जा उड़जा.... ॥३॥

वीर प्रभु माना

तर्ज: दूर कोई गाए, धुन वो सुनावे..... 

 

वीर प्रभु माना, अति बलवाना, 

वीर वीर रटियो रे, वीर मन बसियो रे 

वीर प्रभु माना.... 

 

जो कोई गावे, अर्जी लगावे,

सबकी सुनियो रे, वीरमन बसियो रे, 

अर्जी हमारी, मरजी तुम्हारी, 

कृपा करियों रे वीर मन बसियो रे 

वीर प्रभु माना.... ॥ १ ॥ 

महावीर बाला, फेरूं तेरी माला, 

संकट हरियो रे, प्रभु मन बसियो रे, 

ना कोई संगी, हाथ की तंगी, 

जल्दी हरियो रे, प्रभु मन बसियो रे,

वीर प्रभु माना.... ॥२॥ 

 

सोने का पलना, पलने में ललना, 

नाचे देवी देव, देखे सारी दुनिया रे,

वीर मन बसियो रे

वीर प्रभु माना..... ॥ ३ ॥

महावीर तेरा मुझको

महावीर तेरा मुझको २ दीदार हो जाये,

उजड़ा चमन फिर से गुलजार हो जाये, 

 महावीर तेरा मुझको.....

 

कैसे चलेगी वीरा, तुफान में नैया २

हो जाये एक इशारा २, भव पार हो जाए 

उजड़ा चमन फिर से.... ॥१॥ 

 

खाली नहीं जाऊंगी जिद पे अड़ी हूं मैं, 

देखूं दयालु कैसे२, इनकार हो जाये.... 

उजड़ा चमन फिर से... ॥२॥

 

ख्वाहिश मेरे जीवन की, ज्यादा बड़ी नहीं, २ 

बस तेरी किरपा मुझपर, एक बार हो जाये, 

उजड़ा चमन फिर से.... ॥ ३ ॥ 

 

कर दे मुरादे पूरी, बस इतना सोचकर २ 

हम सेवक को प्रभु तेरा २ स्वीकार हो जाये, 

उजड़ा चमन फिर से.... ॥ ४ ॥

 

महावीर स्तुति: जय बोलो महावीर स्वामी की

जय बोलो महावीर स्वामी की। 

घट-घट के अंर्तयामी की। 

जय बोलो महावीर स्वामी की ॥ 

 

इस जगत का उद्धार किया, 

जो आया शरण यो पार किया, 

जिस पीड़ सुनी हर प्राणी की,

जय बोलो महावीर स्वामी की...॥१॥

 

जो पाप मिटाने आया था,

इस भारत आन जगाया था,

उन त्रिशला नंदन ज्ञानी की,

जय बोलो महावीर स्वामी की...॥ २ ॥

 

हो लाख बार प्रणाम तुम्हें, 

हे वीर प्रभु भगवान तुम्हें,

मुनि दर्शन मुक्ति गामी की, 

जय बोलो महावीर स्वामी की... जय.... ॥३॥

 

झीनी-झीनी उड़े रे गुलाल

झीनी-झीनी उड़े रे गुलाल, प्रभुजी के मंदिर में,

झीनी-झीनी उड़े रे गुलाल…

म्हे तो प्रभुजी को हवन कराऊं, २

झारी भर लाऊं मैं तो आज…

प्रभुजी के मंदिर में...झीनी झीनी...॥१॥

 

म्हे तो प्रभुजी का नव अंग पुजुं, २

केशर कटोरा लाऊं मैं तो आज,

प्रभुजी के मंदिर में....झीनी झीनी...॥२॥

 

म्हें तो प्रभुजी के हार गुंथाऊं, २

चम्पा चमेली लाऊं मैं तो आज,

प्रभुजी के मंदिर में...झीनी झीनी...॥३॥

 

म्हे तो प्रभुजी की पूजा अंगिय रचाऊं, २

बरक ले आऊं मैं तो आज,

प्रभुजी के मंदिर में...झीनी झीनी...॥४॥

 

म्हे तो प्रभुजी की पूजा भणाऊं, २

मंडल बुलाऊं मैं तो आज,

प्रभुजी के मंदिर में...झीनी झीनी...॥५॥

 

आओ सब मिल प्रभु चरणों में

आओ सब मिल प्रभु चरणों में, श्रद्धा सुमन चढ़ायें।

अपने मन मंदिर में भगवन तुमको आज बिठायें।

श्रद्धा सुमन चढ़ाएं…

युग-युग बीते भव-भव भटके, राह सही न पाये,

मानव जनम मिला है भगवन, इसको सफल बनाये,

दो हमको वरदान जिनेश्वर, तेरे ही बन जाये।

श्रद्धा सुमन चढ़ाएं... ।।१।।

 

अष्ट कर्म की केशर लाया, ज्ञान सुधा की धारा,

न्हवन कराऊं तुमको भगवन, हूँ कर्मों का मारा,

हे आराध्य शरण दो अपनी, जीवन सफल बनाए।

श्रद्धा सुमन चढ़ाएं.....॥२॥

 

दिल बन जाए तेरी भक्ति के गीतों का संगम,

जैन कहे ये प्यासे नैना, बरस रहे हैं हरदम,

वाणी तेरी विश्व गगन में अमृत सुधा बहाएं।

श्रद्धा सुमन चढ़ाएं.......

पार्श्व जिणंदा

पार्श्व जिणंदा वामाजी केनंदा, तुम पर वारी जाऊंबोल बोल रे, 

हां रे दरवाजे तेरे खोल खोल रे, पार्श्व जिणंदा...

दूर दूर देश से, लंबी सफर से

हम दर्शन आए तोल तोल रे

हां रे दरवाजे तेरे खोल खोल रे...॥१॥

 

पूजा करूंगी, धूप करूंगी,

फूल चढ़ाऊंगी मोल मोल रे

हां रे दरवाजे तेरे खोल खोल रे...॥२॥

 

तू मेरा ठाकर मैं तेरा चाकर,

एक बार मुख सुं बोल बोल रे,

हां रे दरवाजे तेरे खोल खोल रे...॥३॥

 

श्री शंखेश्वर सुंदर मूरत,

मुंखडुं तो झाकम झोल झोल रे,

हां रे दरवाजे तेरे खोल खोल रे...॥४॥

 

रूप विबुधनों, मोहन पभणे,

रंग लाग्यो चित्त चोल चोल रे,

हां रे दरवाजे तेरे खोल खोल रे...... ॥५॥