महावीर तेरा मुझको २ दीदार हो जाये,

उजड़ा चमन फिर से गुलजार हो जाये, 

 महावीर तेरा मुझको.....

 

कैसे चलेगी वीरा, तुफान में नैया २

हो जाये एक इशारा २, भव पार हो जाए 

उजड़ा चमन फिर से.... ॥१॥ 

 

खाली नहीं जाऊंगी जिद पे अड़ी हूं मैं, 

देखूं दयालु कैसे२, इनकार हो जाये.... 

उजड़ा चमन फिर से... ॥२॥

 

ख्वाहिश मेरे जीवन की, ज्यादा बड़ी नहीं, २ 

बस तेरी किरपा मुझपर, एक बार हो जाये, 

उजड़ा चमन फिर से.... ॥ ३ ॥ 

 

कर दे मुरादे पूरी, बस इतना सोचकर २ 

हम सेवक को प्रभु तेरा २ स्वीकार हो जाये, 

उजड़ा चमन फिर से.... ॥ ४ ॥