गुरुवार, 14 सितंबर 2023
सुख शांति की पुरवईया चले।
घर-घर में मंगल दीप जले॥
शुभ भावनायें ये फूले फले।
घर-घर में मंगल दीप जले॥
हो प्रभु कृपा सन्मार्ग मिले ऽऽऽ २
अहंकार क्रोध सब दूर भगे,
जीवन में संयम फूल खिले
घर-घर में मंगल दीप जले.... ॥१॥
पर दुःख में करुणा धार बहे,2
अपने दुःख को चुपचाप सहे
सब संकट अपने आप टले
घर-घर में मंगल दीप जले.... ॥२॥
इस जग में चैन की बंसी बजे,
जीवन सदगुण मणियों से सजे,
बन 'विचक्षण' हम प्रभु राह चले
घर-घर में मंगल दीप जले.... ॥३॥
- Stavan Manjari