रोज तेरी तस्वीर सिरहाने रखकर सोते हैं।
यही सोचकर अपने दोनों नैन भिगोते हैं।
रोज तेरी तस्वीर सिरहाने रखकर सोते हैं।
यही सोचकर अपने दोनों नैन भिगोते हैं।
गुरूराज तुम्हारे चरणों में, जीवन को थोड़ा प्यार मिले।
मैं भूल सकूं दुनिया सारी, तेरा प्यार मुझे किरतार मिले।
प्रभु तुम दर्शन जो पाऊँ, जिणंद नयनो में समा जाऊँ
रांखुं अपने हृदय कमल में, पलक विसराऊँ
दर पे कोई आके, पुकारे दादा नाम
उसके सारे बन जाते है बिगड़े काम
तुम सदा नाभि नन्दन को भजते रहो
क्योंकि मुक्ति का मारग मिलेगा नही