बुधवार, 11 अक्तूबर 2023
तुम सदा नामि नन्दन का भजत रहो
तर्ज- तुम अगर साथ देने का वादा करो
तुम सदा नाभि नन्दन को भजते रहो
क्योंकि मुक्ति का मारग मिलेगा नही
तुम सदा भक्ति सरगम के माते रहो
क्योंकि आतम को आनन्द मिलेगा नही. . .तुम
वर्षों चौरासी योनी में फिरते रहे
लोभ ममता कमायों में घुटते रहे
मान माया में इमान बेचा सदा
घोर पापों की अग्नि में जलते रहे
तुम अगर त्याग राहों पे जाते रहो
तो समुन्दर दया का मिलेगा वहीं . . .तुम
चार दिन का खिलौना यह संसार है।
देखते देखते ये चला जायेगा
कुछ नहीं साथ जायेगा बन्दे यहाँ
धर्म दीपक का जलया तो रह जायेगा
तुम अगर वीर चरणों में आते रहो
विश्व शांति का तीरथ मिलेगा वही. . .तुम