गुरु तेरे चरणों की,
गर धूल जो मिल जाये,
सच कहती हूँ मेरी,
तकदीर संवर जाये।
गुरु तेरे चरणों की,
गर धूल जो मिल जाये,
सच कहती हूँ मेरी,
तकदीर संवर जाये।
प्रभु तमारा पगले पगले पा पा पगली मांडी छे,
हवे तो अक्षर पाडो हरिवर, मारी कोरी पाटी छे, (2)
बाळक छुं हुं मने खबर क्यां...
शुं छे साचुं जीवन?
संसार थी विरती रथ नो,
गिरनार थी मुक्ति पथ नो…
सथवार छे एक मारो,
आधार छे एक बस…
गुरुदेवा हो...
गुरुदेवा-गुरुदेवा... आये हैं आये तेरे द्वार पे
गुरुदेवा- गुरुदेवा... तेरे सहारे मेरी नाव रे
गुरुदेवा हो गुरुदेवा हो-गुरुदेवा
गुरुवर तेरे चरणों की, जो धूल ही मिल जाए।
सच कहता हूँ मेरी, तकदीर संवर जाए ||
सुनते हैं दया तेरी, दिन रात बरसती है।
एक बूँद जो मिल जाए, कली दिल की खिल जाए।
अजमेर का एक सितारा, चमका था आकाशों में 2
जैन संघ का बना था नायक, देखा सारे भक्तों ने ॥ध्रुव।।
था वो मसीहा इस दुनिया का, कोई कैसे भुलायेगा,
हरपल हर घड़ी इस मूरत को, इन नैनों में बसायेगा,
मारा शामला छो नाथ प्यारा पार्श्वजी हो लाल
विनंती करूं कर जोड़ीने
नाग अग्निमांहेथी उगार्यों फूंको मंत्र धरणेन्द्र बनाव्यो
तेमतारी लेजे नाथ प्रभु हुं छु अनाथ।...विनंती
जय पार्श्व हरे
जय पार्श्व हरे, जय पार्श्व हरे दुखियों दुख के दूर करे
जय जय जय पार्श्व हरे।
जब चारों तरफ अंधियारा हो, आशा का दूर किनारा हो
तुम्दर मंदिर पार्श्वन म्हाने व्हालो लागे रे,
व्हालो लागे,व्हालो लागे व्हालो लागेरे...
मूल गंभारे पार्श्वनो रे, सुंदर मूरत श्याम
ऊपर चोर्मुखजीविराजे, प्रति वर्ष को ठाठरे
ऐ मानव उसी राह चल, जो कि जाती है मुक्ति महल
तूं दया- दान कर और प्रभु ध्यान धर,
ताकि हो जाए जीवन सफल
यह स्वार्थ का संसार हैं, सबको दौलत से ही प्यार है