बुधवार, 11 अक्तूबर 2023
जय पार्श्व हरे
जय पार्श्व हरे, जय पार्श्व हरे दुखियों दुख के दूर करे
जय जय जय पार्श्व हरे।
जब चारों तरफ अंधियारा हो, आशा का दूर किनारा हो
और कोई न खेवन हारा हो, तब तु ही बेड़ा पार करें
जय जय जय पार्श्व हरे
तू चाहे तो सब कुछ कर दें, विष को भी अमृत कर दें
पूरण कर दे, उसकी आशा, जो भी तेरा नाम जपे रें
जय जय जय पाश्र्व हरे