गुरू मांना पगलां पड्या ने आनदं छायो
उत्तसव अनेरो आजे आंगण रे आव्यो
गुरू मांना पगलां पड्या ने आनदं छायो
उत्तसव अनेरो आजे आंगण रे आव्यो
उपकार कर्या मुज पर, एना गुण हुं विसारुं छुं
केवो बदलो में वार्यो, हुं एज विचारुं छुं…
केवुं धन्य जीवन जीवे छे मुनिराय,
निरखुंने आंखोमां, अमृत छलकाय…
सिद्धारथनां राजकुंवरनुं अमे लीधुं आलंबन…
जय जय त्रिशलानंदन…
जग ना नाथ बन्या ते पहेला
मारा स्वामी नाथ थया
मुझ ने एकलवाई छोडी
तमे मोक्ष मा केम गया…
प्रभु श्री वीर छे,
महाबल धीर छे
करम ने जीतता ये,
खरा महावीर छे
प्रभु श्री वीर छे…
आवो रे आवो महावीर नाम लइये,
(२ वार)
वीर नाम लइ भव पार तरी जाइये,
(२ वार)
आवो रे आवो…
वीर प्रभुजी पधारो राज, वीर प्रभुजी पधारो,
विनंती मुज अवधरो राज, वीर प्रभु – ए आंकणी…
मारा वीरनुं शासन गाजे,
महावीरनुं शासन गाजे
मारा वीरनुं शासन गाजे,