गिरनारी नेमिनाथ दादा – अभिषेक स्तुति

(गिरनारी नेमिनाथ दादा – अभिषेक स्तुति) 

 

गिरनार पर प्रभु नेम ना, अभिषेकनो पावन समय 

प्रभु नेमिनाथ जिनालये, वातावरण शुभ भावमय 

ते परम पावन द्रष्य मारा, नेत्र ने निर्मल करो 

नेमिनाथनी अभिषेक धारा, विश्वनु मंगल करे… (१) 

 

श्यामल प्रभुना मस्तके, निरखु हु क्षीरधारा धवल 

रोमांच अनुपम अनुभवु, गद-गद हृदय लोचन सजल 

प्रत्येक आत्मप्रदेशे नेमि, प्रितने निश्चल करो 

नेमिनाथनी अभिषेक धारा, विश्वनु मंगल करे… (२) 

 

अभिषेकना सुप्रभावथी, विध्नो तणो थाओ विलय 

सर्वत्र आ संसारमा, शासन तणो थाओ विजय 

सुख शांति पामे जीव सहु, करुणा सुवासित दिल करो 

नेमिनाथनी अभिषेक धारा, विश्वनु मंगल करे… (३) 

 

अभिषेकना सुप्रभावथी, भावतापनु थाजो शमन 

उर केरी उखर भूमिपर, सम्यक्त्वनुं थाओ वपन 

मिथ्यात्व मोह कुवासना, कुमति तणों सवि मल हरो 

नेमिनाथनी अभिषेक धारा, विश्वनु मंगल करे… (४) 

 

अभिषेकना सुप्रभावथी, गिरनार नो जय विश्वमा 

महिमा महा गिरिराज नो, व्यापी रहो आ विश्वमा 

आ तीर्थ ना आलंबने, भवि जीव शिव मंजिल वरो 

नेमिनाथनी अभिषेक धारा, विश्वनु मंगल करे… (५)