सोमवार, 27 नवंबर 2023
केवुं धन्य जीवन जीवे छे मुनिराय,
निरखुंने आंखोमां, अमृत छलकाय…
दुः ख दे ना कोईने, सहन करे छतांय,
मुखडा पर समताने, शांति सदाय… निरखुं ने… (१)
जरूरत विचारे, पसंदगी न राखे,
शोधे निर्दोष जिनवचनोनी साखे;
धैर्य एनुं एवुं के मेरु शरमाय… निरखुं ने… (२)
जो मळशे तो करशुं, मनथी संतुष्टि,
मुनिवरना भावोनी, शुं वात थाय…
निरखुं ने… (3)