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जिन पार्श्वनाथ के सुमिरन से 

जिन पार्श्वनाथ के सुमिरन से मिटता भव भव फेरा  

है वंदन उनको मेरा 

मोरा पार्श्व प्रभु नल प्यार 

मोरा पार्श्व प्रभु नल प्यार हो गया, 

भइयों सच्ची मुच्ची, हो भइयों सच्ची मुच्ची

जो पारस को याद करे...

जो पारस को याद करें, वो लोग निराले होते हैं. 

जो पारस का नाम पुकारे वो किस्मत बाले होते है 

पार्श्व प्रभू से अरज् 

हे केशरिया पार्श्वप्रभु एक अरज सुनले ना  

मुझमें जितने अवगुण है 2 बल्दी दूर कर देना 

 

प्रभू दर्शन की प्यास 

प्रभु दर्शन की आज प्यास हैं। 

ढूंढू में तेरा कहां वास है 

दर्शन की लालसा 

दरशन दो दरशन दो, इस आ तुम्हारे दर्शन को 

बरसन दो बरसन दो, गुरूवाणी का अमृत बरसन दो 

 

स्वरों की गीत माला में प्रभू 

स्वरों की गीत माला में प्रभू गुणगान गाया है 2 

चरणों में मस्तक को शरण जीनराज पाया है 

दोहे

चन्दन के दो चौकिये, फूलन के दो हार 

केशार भारिया बाटको पुजों पारसनाथ।   रे मनवा। ......  

 

तेरा नाम है कितना प्यारा 

तेरा नाम है कितना प्यार आ  

काम लगता है जिनवर सारा 

प्रार्थना 

अरिहंतो को नमस्कार 

श्री सिद्धों को नमस्कार