मोरा पार्श्व प्रभु नल प्यार 

तर्ज- सच्ची मुच्ची (पंजाबी) 

 

मोरा पार्श्व प्रभु नल प्यार हो गया, 

भइयों सच्ची मुच्ची, हो भइयों सच्ची मुच्ची 

मोरा पार्श्व प्रभु 

 

अहो वामा देवी का प्यारा हो प्यारा 

अहो अश्वसन दुलारा-दुलारा 

जपे नाम मेरा मेरा बेड़ा पार हो गया 

भइयों सच्ची मुच्ची 

 

इथे बैठे हैं तीन लोक ज्ञानी- - हो ज्ञानी 

असी सेवक मूल अनजानी--अनजानी

 पाके दर्श तेरा दिल मेरा बहार हो गया ॥२॥ 

भइयों सच्ची मुच्ची