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मोरा पार्श्व प्रभु नल प्यार

(तर्ज- सच्ची मुच्ची (पंजाबी) 

मोरा पार्श्व प्रभु नल प्यार हो गया, 
भइयों सच्ची मुच्ची, हो भइयों सच्ची मुच्ची 
मोरा पार्श्व प्रभु 

अहो वामा देवी का प्यारा हो प्यारा 
अहो अश्वसन दुलारा-दुलारा 
जपे नाम मेरा मेरा बेड़ा पार हो गया ॥1॥ 
भइयों सच्ची मुच्ची 

इथे बैठे हैं तीन लोक ज्ञानी- - हो ज्ञानी 
असी सेवक मूल अनजानी--अनजानी
पाके दर्श तेरा दिल मेरा बहार हो गया ॥2॥ 
भइयों सच्ची मुच्ची 

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