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जब मन विर गाये

जब मन विर गाये मन का अंधेरा जाये 
ज्ञान का प्रकाश पाये, जागो हे मेरे मन महावीर स्वामी 
जागो रे जागो रे जागो दुनिया जागो 2. 
मगर नगर सब सथ मलियाँ जागी 

आके दर्श दिखाओ

सुनो सुनो मेरे महावीर स्वामीजी तुम आओजी
आके दर्श दिखाओ दिखाओजी, आओजी 
स्वामी मेरे महावीर स्वामी 
तुम्हारे बीना खाली जिंदगी का पिंजरा 

महावीर स्वामी - अन्तरयामी

सदियों से तेरा जिनवर दुनिया में नाम था सब की जुबान था। 
महावीर स्वामी-अन्तयामी  
अनुपम त्रिशला मां का सबको पैंगाम  ॥ जग को सन्देश था। 
महावीर स्वामी-अन्तरयामी ॥

श्री घंटाकर्ण महावीर स्तोत्र

ॐ घंटाकर्णो महावीरः सर्वव्याधि-विनाशकः।
विस्फोटक भयं प्राप्ते, रक्ष-रक्ष महाबलः ॥1॥
यत्र त्वं तिष्ठसे देव! लिखितोऽक्षर-पंक्तिभिः।
रोगास्तत्र प्रणश्यन्ति, वात पित्त कफोद्भवाः ॥2॥

कहा हो महावीर ? | महावीर जनम कल्याण सॉन्ग
कहा हो महावीर ? | महावीर जनम कल्याण सॉन्ग

चारो तरफ बस दुख पीड़ा है, कोई हरे न पीर...(2)
सिसक रहा कोई,तड़प रहा है,बहता जाए नीर
आने वाले कल की देखके धुंधली ये तस्वीर

वर्तमान ये पूछे तुमसे, हो कहा  महावीर