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जिस दिन दादा गुरु घर आयेंगे
जिस दिन दादा गुरु घर आयेंगे

जिन शासन के उजियारे हो, मणिधारी चन्द्र सूरीश्वर, 
दर्शन दो आज दयाकर-2 
जिनदत्त सूरि के पटधारी, जैनों में एक प्रभाकर, 
दर्शन दो आज दयाकर-2।। 

कुशल नाम है कितना प्यारा
कुशल नाम है कितना प्यारा

कुशल नाम है कितना प्यारा, जन-जन की आँखों का तारा। 
शासन का उजियारा, मैं लेता रहूंगा, ये नाम तुम्हारा। 
मैं लेता रहूंगा, ये नाम तुम्हारा || 
जैन धर्म की शान वो, ज्योति पूंज महान-2

अंगुली पकड़ मेरी चलना सिखाता है

अंगुली पकड़ मेरी, चलना सिखाता है, 
चलना सिखाता है, चलना सिखाता है... 
कभी तो ये दादा, मांझी बन जाता है, 
कभी तो ये दादा, साथी बन जाता है... 

ऐ मेरे प्यारे वतन

ऐ मेरे दादा गुरु, दुनियाँ के दाता गुरु, 
तुम मेरे भगवान... 
अपने गुरु का प्यार ले, भक्ति का उपहार ले, 
कर गये कल्याण-2... तुम... ऐ... ||ध्रुव||

दादा गुरु दरबार में
दादा गुरु दरबार में

आये है आये हैं आज हम आये 
दादा गुरु दरबार में हो ऽऽऽ          
आये हैं...
सच्ची हैं ये प्रीत मेरी कच्ची नही

दादा का दरबार
दादा का दरबार

दादा का दरबार 
कुशल कुशल दातार हैं, भक्तों का आधार हैं 
कोई निराश न जाये एैसा, दादा का दरबार हैं  ॥1॥ 
कुशल सूरि गुरुदेव आपकी, कीर्ति नग विख्यात हैं