जिन शासन के उजियारे हो, मणिधारी चन्द्र सूरीश्वर,
दर्शन दो आज दयाकर-२ ।
जिन शासन के उजियारे हो, मणिधारी चन्द्र सूरीश्वर,
दर्शन दो आज दयाकर-२ ।
कुशल नाम है कितना प्यारा, जन-जन की आँखों का तारा।
शासन का उजियारा, मैं लेता रहूंगा, ये नाम तुम्हारा।
कुशल कुशल दातार हैं, भक्तों का आधार हैं
कोई निराश न जाये एैसा, दादा का दरबार हैं ॥१॥