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झीनी-झीनी उड़े रे गुलाल

झीनी-झीनी उड़े रे गुलाल, प्रभुजी के मंदिर में,
झीनी-झीनी उड़े रे गुलाल…
म्हे तो प्रभुजी को हवन कराऊं, २
झारी भर लाऊं मैं तो आज…

आओ सब मिल प्रभु चरणों में

आओ सब मिल प्रभु चरणों में, श्रद्धा सुमन चढ़ायें।
अपने मन मंदिर में भगवन तुमको आज बिठायें।
श्रद्धा सुमन चढ़ाएं…
युग-युग बीते भव-भव भटके, राह सही न पाये

पार्श्व जिणंदा

पार्श्व जिणंदा वामाजी केनंदा, तुम पर वारी जाऊंबोल बोल रे, 
हां रे दरवाजे तेरे खोल खोल रे, पार्श्व जिणंदा...
दूर दूर देश से, लंबी सफर से
हम दर्शन आए तोल तोल रे

जैन धर्म की महिमा

सब जाए तो जाये मेरा जैन धर्म नही जाये।
सब जाये तो जाये मेरा जैन धर्म नही जाये ॥
धर्म की खातिर महावीर स्वामी २
भारत भू पर आए, मेरा जैन धर्म...

प्रभु म्हारा हेय्या थारा

प्रभु म्हारा हैय्या थारा, आरा रे प्रभुजी म्हारा,
तमारा चरणां मां, म्हाने राख जोड़ी।।
आप बणों दूध तो, उरे बणुं माखन,
दूध मा माखन समाया रे प्रभुजी म्हारा

सबमें देखूँ श्री भगवान

सबमें देखूं श्री भगवान, सबमें देखूं श्री भगवान।
ऐसी शक्ति दो भगवान, ऐसी शक्ति दो भगवान ॥
हर प्राणी में महाप्राण का तत्व समाया है अनजान,
पहचाने उस परम तत्व को ऐसी दृष्टि दो भगवान

नमस्कार महामंत्र सब मिल आओ मंत्र गुण गाओ

सब मिल आओ मंत्र गुण गाओ
चौदह पूरव का है सार, नवकार - नवकार... ॥
णमो अरिहंताणं बोलो, णमो सिद्धाणं,
सबको वंदन हजार, नवकार नवकार...

नवकार जपने से

नवकार जपने से सारे सुख मिलते है,
जीवन में तन-मन के सारे दुःख मिटते है, 
जाप जपो जपते रहो, बंधन कटते है,
मन उपवन में खुशियों के फूल खिलते है

अरिहन्तो को नमस्कार

अरिहन्तों को नमस्कार,श्री सिद्धों को नमस्कार,
आचार्यों को नमस्कार, उपाध्यायों को नमस्कार,
जग में जितने साधुगण है, मैं सबको बंदू बार-बार
अरिहन्तों को नमस्कार…

नवकार मंत्र की महिमा

समरो मंत्र भलो नवकार, ऐछे चौदह पूर्व नो सार,
ऐनी महिमा नो नही पार, ऐनो अर्थ अनंत अपार,
सुखमा समरो दुःखमा समरो, समरो दिवसन रात,
जीवंता समरो मरता समरो, समरो सौ संघात