Wednesday, 20 September, 2023
तर्ज - ये दिल दिवाना बिन सजना के
दिल दिवाना प्रभु भक्ति बिन मानेना
ये प्यासा है बिन दर्शन मानेना !
दिल ये चाहे प्रभु भक्ति में लीन आज हो जाऊ
सत्य अहिंसा के नियमों पर में चलता ही जाऊ
बिन सुमिरन के प्यासा दिल ये मानेना
ये प्यासा हैं... ॥१॥
दिल ये चाहे प्रभु चरणों में नतमस्तक हो जाऊ
झूठी माया को छोड़ कर प्रभु भजन मैं गाऊ
लेकिन ये संसार हैं झूठा मानेना
ये प्यासा हैं...||२||