मंगलवार, 10 अक्तूबर 2023
स्वरों की गीत माला में प्रभू
तर्ज- बहारो फूल बरसाओ
स्वरों की गीत माला में प्रभू गुणगान गाया है 2
चरणों में मस्तक को शरण जीनराज पाया है
स्वरों के गीत माला में......
मिला है पुष्प से भगवान, शरण पापों को हरने का
लगाओ ध्यान ईश्वर का हृदय में आत्म तरने का
जगा है भाग्य किस्मत से सदा सतसंग पाया है
स्वरों की गीत माला में ॥१॥
प्रभू महिमा की ज्योति चन्द्र किरणों में बसी देखी
जगत के प्राणियों की राह बतायेगी सदा नेकी,
हृदय में ज्ञान की लहर, निर निर में पाया है
झूका चरणों में मस्तक को, शरण जिनराज आया हैं,
स्वरों की गीत माला में ॥२॥
कभी भक्ती का दिपक दिल के, दामन में जलावों तुम
भवों के पाप सागर से तिराखों नँय्या अपनी तुम
सुनाकर विश्व शांती का शरण जिनमराज पाया है
स्वरों की गोत माला में ... ॥३॥