शनिवार, 7 अक्तूबर 2023
(तर्ज- सज रही गली मोरी मां)
कर ले भजन दिन रात, प्रभु की भक्ति में
प्रभु की शक्ति में गुरु की भक्ति में ॥धूपदा।।
सोना चांदी सारे महल रह जायेंगें, हाथी घोड़े
मोटर बगीचे रह जायेंगे
रहना मगन दिन रात, प्रभु की भक्ति में ll1ll
काहे को राजाता तिजोरी और बंगला, आया हैं।
अकेला जायेगा तू अकेला
मिलेगा किनारा भवपार, प्रभु की भक्ति में ॥2ll
दूर रहना प्यारे लड़ाई झगड़े से कुछ ना मिलेगा
इन झूठे लफड़ो से
कर ले जीवन को निसार, प्रभु की भक्ति में ll3ll
कहता "ऋष" समझ मेरे भाई, काहे को बिगाडे
जनम सुखदाई
होगी एक दिन तेरी जीत, प्रभु की भक्ति में ll4ll