जिनराया मेरे मन भाया 

तर्ज- पर आया मेरा परदेशी 

 

 

जिनराया मेरे मन भाया 

तुझ दिन कोई न दिल आया हो   

 

तू भव दुःख को हरता है 

मोक्ष का मालिक कर्ता है 

जग में प्रेम हैं बरसाया 

तुझ बिन कोई न दिन आया 

जिनराया... 

 

त्रिशला के नंदन प्यारे 

सिद्धारथ के मन हारे 

शासन पे रखना साया 

तुझ बिन कोई न दिल आया 

जिनराया... 

 

आनंद कंद को वंदन हैं 

त्रैलीक्य पाप निकंदन है 

तेरे आगे झुकती माया 

तुझ दिन कोई न दिल आया 

जिनराया…