शनिवार, 7 अक्तूबर 2023
पंछी उड जायेगा.
तर्ग- एक दिन बीत जायेगा
पंछी उड जायेगा होते ही भोर
पल में कट जायेंगी सांसों की ये डोर
अवसर के रहते ही चाहे कुछ भी सीख
तुझको जग जाना है निंदयों को झकझोर ।। अन्तरा ॥
गा गा प्रभू गुण गा
चाहे तु मन में कितनी आस लगाये
जीने की खातीर हैं विश्वास जगाये
पर प्यारे ये जीवन है, जग के दो ही क्षण
क्या जाने काय ये तेरी धडकन रुक जाये
तरम पम, तुझको ले जाने को आये यम के दूत
सारी दुनिया भर में मच जायेगा शोर
पंछी उड जायेंगा
बचपन तो सारा, तुने खेल गवाया
यौवन में माया से ही मेल बढ़ाया
दो मौके खो डाले, अब मत खो मतवाले
अंतिम मौके पर भी जो तु ना पछताना
तरम पम फिर ना चल पायेगो कोई भी तरकीब
नाही चल पायेगा तेरा कोई जोर
पंछी उड़ जायेगा