तर्ज - बाबुल को दुआएँ लेती जा 

 

मुख से प्रभु नाम को लेता जा 

जा तुझको स्वर्ग का द्वार मिले 

कंटकमय पथ से बच जाये 

मुक्ती का टिकट तैय्यार मिले ॥धृ॥ 

 

मानव चोला पाया तुने कुछ दान करो कुछ पुण्य करो 

दर दर पे रुलाया है तुझको, इस कर्मनली से अब छुटो 

पी लेना सुधा सत्संग वाणी, जब तुझे गुरु दरबार मिले

मुख से... ॥1॥

 

गुरु दर्श से सोये भाग्य जगे, अरे उठ निंद से अब तो जग ओ 

कर जीवन में कुछ त्याग अरे, जमाने में हैं तुझको नाज अरे 

भगवन ढुंढा कणकण में, तुझे घर बैठे दिदार मिला 

मुख से... ॥2॥

 

नीती तेरे सासो की घड़ीया, मोहमाया के झूठे दाग में 

फंस जाते इस पिंजरे में सभी, मेरे मेरे के चाव से 

कहे सीता तुझे वह राह मिले, तेरी राह पर सब संसार मिले

मुख से... ॥3॥

- Stavan Manjari