गुरुवार, 5 अक्तूबर 2023
मीठो मीठो बोल
तर्ज - धीरे धीरे बोल
मीठो मीठो बोल थारो काई बिगडे काई बिगड़े
थारो काई बिगडे
आ जीवन मा दम नही
कब निकले श्वास मालुम नही
अरे समझ मन स्वास्थ का संसार
एक बार तो मन आ विचार
संसार हैं कोई नही सार है
संसार किसी का घर नही
सबको जाने का एक दिन है वही
मीठो मीठो बोल ॥१॥
अरे युग युग में गुरु कहते हैं बारम्बार
एक बार तु कर मानव विचार
संसार है की सार है
भवि काम अैसे कर जरा
होवे कर्मों का निजर्न
मीठो मीठो बोल॥२॥