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मीठो मीठो बोल

(तर्ज - धीरे धीरे बोल)

मीठो मीठो बोल थारो काई बिगडे काई बिगड़े
थारो काई बिगडे

आ जीवन मा दम नही 
कब निकले श्वास मालुम नही 
अरे समझ मन स्वास्थ का संसार 
एक बार तो मन आ विचार 
संसार हैं कोई नही सार है 
संसार किसी का घर नही 
सबको जाने का एक दिन है वही 
मीठो मीठो बोल ll1ll 

अरे युग युग में गुरु कहते हैं बारम्बार 
एक बार तु कर मानव विचार 
संसार है की सार है 
भवि काम अैसे कर जरा 
होवे कर्मों का निजर्न  
मीठो मीठो बोल ll2ll

 

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