कदम कदम पर मोहे करम सताये  
                      तर्ज- सारी सारी रात तेरी याद सताये 

 

कदम कदम पर मोहे करम सताये

करम सताये हमें चैन न आय  !!टेक !!

 

इक तो प्रभुजी मोहे कर्म सतायें, लाख चोरासी भ्रमण कराये 

भ्रमण कराये स्वामी बड़ा तड़फाये रे ||१|| 

 

बालकपण तो खेल में खोया, मोह की निंद जवानी में सोया

निंद में सोया विषय भोग  सुहायें रे 

 

बिते जवानी बुढ़ापा आये, अधमरा सा तुझको ये तो बनाये 

ये तो बनाये अंग शिथील हो जाय रे  

तेरे भजन बिन मेरे सांवरीयाँ, बीत गई मेरो सारी उमरीयाँ 

सारी उमरियाँ मन दुःख पावे रे ॥४॥