कभी गिरते हुए को उठाया नहीं बाद आंसू बहाने से क्या फायदा ।।
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
ओ ओ ओ…
मैं तो मंदिर गया पूजा आरती की पूजा करते हुए ये ख्याल आ गया ।
मैं तो मंदिर गया पूजा आरती की पूजा करते हुए ये ख्याल आ गया ।।
कभी माँ बाप की सेवा की ही नहीं सिर्फ पूजा के करने से क्या फायदा ।
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
मैं तो सतसंग गया गुरूवाणी सुनी गुरू वाणी को सुनकर ख्याल आ गया ।।
हो हो हो…
मैं तो सतसंग गया गुरूवाणी सुनी गुरू वाणी को सुनकर ख्याल आ गया ।
जन्म मानव का लेके दया न करी फिर मानव कहलाने से क्या फायदा । ।
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
ओ ओ ओ…
मैंने दान किया मैंने जपतप किया दान करते हुए ये ख्याल आगया ।
हो मैंने दान किया मैंने जपतप किया दान करते हुए ये ख्याल आगया ।।
कभी भूखे को भोजन खिलाया नहीं दान लाखो का करने से क्या फायदा ।
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
गंगा नहाने हरिद्वार काशी गया गंगा नहाते ही मन में ख्याल आ गया ।।
हो ओ…
हो गंगा नहाने हरिद्वार काशी गया गंगा नहाते ही मन में ख्याल आ गया ।
तन को धोया मगर मन को धोया नहीं फिर गंगा नहाने से क्या फायदा ।।
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
मैने वेद पढ़े मैने शास्त्र पढ़े शास्त्र पढते हुए ये ख्याल आ गया ।
हो ओ…
मैने वेद पढ़े मैने शास्त्र पढ़े शास्त्र पढते हुए ये ख्याल आ गया ।
मैने ज्ञान किसी को बांटा नहीं फिर ज्ञानी कहलाने से क्या फायदा ।।
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
ओ ओ ओ…
मात पिता के चरणों में चारो धाम हैं आजा आजा यही मुक्ति का धाम है ।
मात पिता के चरणों में चारो धाम हैं आजा आजा यही मुक्ति का धाम है ।।
पिता माता की सेवा की ही नहीं फिर तिरथो मे जाने से क्या फायदा ।
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
कभी गिरते हुए को उठाया नहीं बाद आंसू बहाने से क्या फायदा।।